Generations of Computers in hindi -कंप्यूटर की पीढ़ियाँ के बारे मे जानें हिन्दी मे
कंप्यूटर तकनीक का विकास एक लंबी प्रक्रिया रही है जिसे कई पीढ़ियों में बांटा गया है। प्रत्येक पीढ़ी के साथ, कंप्यूटर में नई-नई तकनीकी उन्नति हुई है, जिससे उनकी गति, आकार, क्षमता, और कार्यक्षमता में जबरदस्त सुधार हुआ। कंप्यूटर की पांच प्रमुख पीढ़ियाँ हैं, जिनमें से प्रत्येक ने कंप्यूटर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस ब्लॉग में हम इन पीढ़ियों का विस्तार से जानेंगे और उनके तकनीकी विकास के बारे में जानेंगे।
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(First Generation: 1940-1956) पहली पीढ़ी - (Vacuum Tubes) वैक्यूम ट्यूब्स
पहली पीढ़ी के कंप्यूटरों में मुख्य रूप से वैक्यूम ट्यूब्स का उपयोग किया गया था। ये ट्यूब्स electric सर्किट के लिए स्विच के रूप में काम करते थे और इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल्स को amplify करने के लिए उपयोग किए जाते थे। हालांकि, वैक्यूम ट्यूब्स आकार में बड़े और काफी गर्मी पैदा करने वाले थे, जिसकी वजह से ये कंप्यूटर बहुत बड़े, धीमे, और अविश्वसनीय होते थे।
पहली पीढ़ी के कंप्यूटरों के उदाहरणों में शामिल हैं:
1. ENIAC (Electronic Numerical Integrator and Computer) – यह पहला सामान्य उपयोग वाला इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर था।
2. UNIVAC-I (Universal Automatic Computer-I) – यह पहला व्यावसायिक कंप्यूटर था जिसे 1951 में विकसित किया गया था।
यह 0s और 1s की series के रूप में निर्देश देता है, जिससे प्रोग्रामिंग और संचालन में कठिनाई होती थी।
(Second Generation: 1956-1963) दूसरी पीढ़ी - (Transistors) ट्रांजिस्टर
दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों में ट्रांजिस्टर का उपयोग शुरू हुआ। ट्रांजिस्टर वैक्यूम ट्यूब्स की तुलना में छोटे, तेज, अधिक भरोसेमंद और ऊर्जा की खपत कम करने वाले होते थे। ट्रांजिस्टर के उपयोग से कंप्यूटरों का आकार कम हुआ और वे अधिक कुशल बन गए।
इस पीढ़ी में असेंबली भाषा (Assembly Language) का उपयोग किया गया, जो मशीन भाषा की तुलना में अधिक समझने योग्य थी। इसके अलावा, फोरट्रान
(FORTRAN) और कोबोल (COBOL) जैसी उच्च-स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषाओं का विकास हुआ, जिससे प्रोग्रामिंग और अधिक सरल हो गई।
इस पीढ़ी के प्रमुख कंप्यूटर थे:
1. IBM 7090
2. Honeywell 400
(Third Generation: 1964-1971) तीसरी पीढ़ी - (Integrated Circuits) इंटीग्रेटेड सर्किट
तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों में इंटीग्रेटेड सर्किट्स (ICs) का उपयोग किया गया। ICs में कई ट्रांजिस्टर और अन्य घटक एक छोटे सिलिकॉन चिप पर रखे जाते थे, जिससे कंप्यूटर का आकार और भी छोटा हो गया और उनकी गति में बहुत वृद्धि हुई।
ICs के कारण कंप्यूटरों की लागत भी कम हुई, और इन्हें व्यवसायों और शैक्षिक संस्थानों में अधिक व्यापक रूप से अपनाया जाने लगा। इस पीढ़ी में मल्टीप्रोग्रामिंग की अवधारणा भी विकसित हुई, जिससे कंप्यूटर एक साथ कई कार्यों को संभाल सकते थे।
प्रमुख कंप्यूटर:
1. IBM System/360
2. Honeywell 6000
इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में ऑपरेटिंग सिस्टम का विकास भी हुआ, जो कंप्यूटर संसाधनों के बेहतर प्रबंधन और उपयोगकर्ता के अनुभव को सरल बनाने में सहायक थे।
(Fourth Generation: 1971-वर्तमान) चौथी पीढ़ी - (Microprocessors) माइक्रोप्रोसेसर
चौथी पीढ़ी के कंप्यूटरों में माइक्रोप्रोसेसर का आविष्कार हुआ, जो कंप्यूटर तकनीक में क्रांति लेकर आया। माइक्रोप्रोसेसर एक सिंगल चिप पर हजारों ट्रांजिस्टर को समाहित करता है, जिससे कंप्यूटर का आकार और भी छोटा हो गया और उनकी गति और क्षमता में कई गुना वृद्धि हुई।
1971 में Intel ने पहला माइक्रोप्रोसेसर Intel
4004 लॉन्च किया। इसके बाद IBM ने 1981 में पहला पर्सनल कंप्यूटर (PC) लॉन्च किया, जिसने कंप्यूटर को आम जनता तक पहुंचाया। इसी समय माइक्रोसॉफ्ट और एप्पल जैसी कंपनियों का उदय हुआ और पर्सनल कंप्यूटर का युग शुरू हुआ।
इस पीढ़ी में गुणवत्तापूर्ण सॉफ्टवेयर का विकास हुआ, जिसमें ऑपरेटिंग सिस्टम जैसे MS-DOS, Windows, और Mac
OS शामिल थे। साथ ही इंटरनेट का विकास भी चौथी पीढ़ी के कंप्यूटरों के साथ हुआ, जिसने संचार, व्यवसाय, और शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांति लाई।
(Fifth Generation: वर्तमान और भविष्य) पांचवीं पीढ़ी - (Artificial Intelligence) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटरों का विकास वर्तमान में चल रहा है और इनका मुख्य उद्देश्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लागू करना है। यह पीढ़ी मानव मस्तिष्क जैसी क्षमता वाले कंप्यूटर विकसित करने की दिशा में अग्रसर है। AI कंप्यूटरों को स्वचालित रूप से सीखने, तर्क करने और निर्णय लेने में सक्षम बनाता है।
पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटरों में नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (Natural Language Processing), रॉबोटिक्स, और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसी तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही क्वांटम कंप्यूटिंग (Quantum Computing) का भी विकास हो रहा है, जो पारंपरिक कंप्यूटिंग के सीमाओं को पार करने का प्रयास कर रहा है।
इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में अत्यधिक उन्नत हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर तकनीकों का समावेश हो रहा है, जिससे मानव-निर्देशित कार्यों को भी स्वचालित किया जा सकेगा। साथ ही, AI और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करके कंप्यूटर और भी अधिक स्वायत्त और समझदार होते जा रहे हैं।
निष्कर्ष
कंप्यूटर की पीढ़ियों ने हमारे समाज और जीवन को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रत्येक नई पीढ़ी ने कंप्यूटरों को अधिक शक्तिशाली, कुशल, और उपयोगकर्ता-मित्रवत बनाया है। अब हम एक ऐसे युग में प्रवेश कर रहे हैं जहां कंप्यूटर न केवल गणनाएँ करेंगे, बल्कि स्वयं से सोचने और निर्णय लेने की क्षमता भी प्राप्त कर लेंगे। आने वाले वर्षों में कंप्यूटर की तकनीक में और भी कई बड़े बदलाव और उन्नति होने की संभावना है, जिससे हमारी दुनिया और भी तेजी से बदल सकती है।
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